By | 11/04/2022
Ruchi Soya Share Price

Ruchi Soya Share Price- Baba Ramdev Company Ruchi Soya Started Flying  

रुचि सोया भारत में खाद्य तेल की सबसे बड़ी विनिर्माता है। इसे 2019 में पतंजलि आयुर्वेद द्वारा अधिग्रहित किया गया था। डेलॉयट टौच तोहमात्सु द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, रुचि सोया को “उपभोक्ता उत्पाद उद्योग 2012 की वैश्विक शक्तियों” में शीर्ष 250 उपभोक्ता उत्पाद कंपनियों में 175 वें स्थान पर रखा गया है।

Ruchi Soya के बोर्ड ने कंपनी का नाम बदलकर पतंजलि फूड्स लिमिटेड या कोई अन्य नाम करना का भी फैसला किया है।  पिछले 3 साल की बात करे तो रूचि सोया ने अपने निवेशकों को 13879 फीसद का रिटर्न दिया है।  यहाँ हम बात कर रहे है Ruchi Soya Share Price की जो अभी उड़ानपर है।  

Ruchi Soya Share Price 

बाबा रामदेव की कंपनी रूचि सोया के शेयर आज उड़ान भर रहे है।  सोमवार के शुरूआती सौदों में रूचि सोया के शेयर BSE पर 5% से अधिक बढ़कर 973 रूपये हो गए।  एफपीओ लिस्टिंग के बीच एक महीने में स्टॉक 21% से अधिक उछल गया है। अगर पिछले 3 साल की बात करें तो रुचि सोया ने अपने निवेशकों को 13879 फीसद का रिटर्न दिया है।

बदलेगा रूचि सोया कंपनी का नाम 

रूचि सोया ने बताया की रविवार को हुई बैठक में उसके बोर्ड ने पतंजलि खाद्य पोर्टफोलियो के साथ तालमेल बढ़ाने के सबसे कुशल तरीके के मूल्यांकन के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी । रुचि सोया के बोर्ड ने कंपनी का नाम बदलकर Pantanjli Foods Limited  या कोई अन्य नाम करने का भी फैसला किया है।

इसके अलावा Ruchi soya FPO (Follow-On Public Offer) से होने वाली आय का एक हिस्सा कर्ज चुकाने के लिए इस्तेमाल किया गया है।  इसके साथ, पतंजलि समर्थित कंपनी ने सरकार के स्वामित्व वाले भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व वाले बैंको के एक संघ को  2,925 करोड़ रूपये चुकाए हैं।  रुचि सोया ने एफपीओ के माध्यम से ₹4,300 करोड़ जुटाए जो,  24 मार्च से 28 मार्च के बीच ₹615 से ₹650 प्रति शेयर के मूल्य बैंड पर लॉन्च किए गए थे।

रुचि सोया एक सूचीबद्ध इकाई में सेबी के न्यूनतम 25% सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंड को पूरा करने के लिए एफपीओ लेकर आई थी। पिछले साल अगस्त में, कंपनी को एफपीओ लॉन्च करने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी की मंजूरी मिली थी। इसने जून 2021 में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया था। बता दें  2019 में पतंजलि ने एक दिवाला प्रक्रिया के माध्यम से रुचि सोया का अधिग्रहण किया।