- निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात की बिल्डिंग से 2100 लोग निकाले गए
- ये लोग मरकज के लिए वहां जुटे थे, इनका कहना है कि लॉकडाउन की वजह से निकल नहीं पाए
- 6 मंजिला बिल्डिंग में लोग एक साथ बैठकर धर्म की बातें करते हैं।
कोरोना के मरीज मिलने के बाद से निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात का मरकज चर्चा में है । ज्यादातर लोग यह जानने की कोशिश कर रहे है की यह मरकज क्या है और यहाँ होता क्या है । आपको बता दे अभी अभी 2100 लोगो को निजामुदीन स्थित जमात से बहार निकाला है । फ़िलहाल पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की वजह से हाहाकार मचा हुआ है ऐसे में एक साथ इतने लोगो का इकठा पाया जाना किसी खतरे से कम नहीं है । इस पोस्ट में हम आपको बता रहे है की तबलीगी जमात और मरकज क्या है ।
मरकज एक ग्रुप होता है जिसमे बहुत सारे लोग एक जगह होकर धर्म पर चर्चा करते है । इस बिल्डिंग को तबलीगी जमात के हेडक्वॉर्टर के तौर पर भी जाना जाता है। उससे पहले यह भी जान लें कि तबलीगी जमात क्या है और ये लोग क्या करते हैं? तबलीगी जमात से जुड़े लोग पूरी दुनिया में इस्लाम के प्रचार-प्रसार का काम करते हैं। 10, 20, 30 या इससे ज्यादा लोगों की जमातें (ग्रुप्स) देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से यहां पहुंचते हैं और फिर यहां से उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाता है जहां की मस्जिदों में ये लोग ठहरते हैं और वहां के लोकल मुसलमानों से नमाज पढ़ने और इस्लाम की दूसरी शिक्षाओं पर अमल करने की गुजारिश करते हैं।
तबलीगी जमात के मर्कज में शामिल हुए कई लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि मरकज में शामिल होकर लौटे 6 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है |
क्या तबलीगी जमात और मरकज कोरोना से जंग में विलेन का रोल तो नहीं
पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस की चपेट में है और विकसित देश भी इस महामारी से पार नहीं पा रहे । ऐसे में WHO के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी देश अपने अपने level कोरोना से जंग लड़ रहे है । ऐसे में सभी देश लॉक डाउन करके इस बीमारी से निजात पाने की कोशिश में लगे है । अब इस परिस्थिति में एक साथ इतने लोगो का इकठ्ठा मिलाना एक भंयकर चुनौती की और इशारा है । निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात में पाए गए सभी लोगो में से 180 लोग कोरोना संक्रमित है । यह इसलिए भी खतरनाक है क्युकी मकरज का ककुलटुरे भी काफी घुनलने मिलने वाला है । लोग एक दूसरे से मुसाफा (हाथ मिलाना) करते है और ज्यादातर लोग एक ही थाली में खाना भी कहते है । हालाँकि मौलाना ने कहा की सरकार के निर्देशों के बाद अपनी तरह से सोशल डिस्टेंस रखने की पूरी कोशिश की जा रही थी ।